शहर और देहात के 20 व्यापारियों के खिलाफ एडीएम कोर्ट में केस दर्ज
कुट्टू का आटा लेते समय भी बरतें सावधानी
खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत हुआ केस दायर
नामी कंपनियों के खाद्य वस्तुओं के सैंपल मिले है सब्सटेंडर्ड
देहरादून : सेहत से ना करें खिलवाड़, सतर्क रहें, ये बात इसलिए बतानी ज़रूरी है क्योंकि कई नामी कंपनियों के खाद्य वस्तुओं के सैंपल जांच रिपोर्ट में सब्सटेंडर्ड मिले है। जिसके बाद 20 व्यापारियों के खिलाफ एडीएम कोर्ट में केस दायर किया गया। देहरादून नगर निगम में सात, मसूरी में पांच, ऋषिकेश तीन, विकासनगर पांच, कुल बीस खाद्य व्यापारियों के खिलाफ केस दायर हुआ है। बताया है कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के तहत नमूने की रिपोर्ट मानक के अनुरूप नहीं पाए जाने के बाद न्यायालय में केस दर्ज कराया गया है।
जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक ज्यादातर नमूने सब्सटेंडर्ड मिल्क व मिल्क प्रोडक्ट कैटेगरी के है। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह ने बताया की अलग अलग दुकानों से पूर्व में सैंपल लिए गए थे। जिसमें दूध, पनीर, घी सहित अन्य खाद्य वस्तुओं शामिल है। लिए गए सैंपल रूद्रपुर लैब भेजने के बाद सैंपल की जांच हुई। जिसमें सब्सटेंडर्ड मिले। बताया कि नगर निगम क्षेत्र में बीते 17 पंद्रह दिनों में 23 नमूने खाद्य विशेषज्ञों ने लिए है। बताया किबीते साल 61 वाद दायर किए गए। वहीं, अप्रैल माह से अब तक 26 केस दायर किए जा चुके है। जिन वस्तुओं के सैंपल लिए गए उसमें बड़ी नामी कंपनियां शामिल है।
कुट्टू का आटा खराब पाया गया तो निरस्त होगा लाइसेंस
जिला खाद्य संरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान शनिवार को कुट्टू के आटे के 4 सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। बताया है कि कुछ स्थानों से कुट्टू का आटा खराब होने की शिकायत भी मिल रही है। जिसका मुख्य कारण है कि कुट्टू का आटा केवल व्रत और नवरात्रि के सीजन में ही उपयोग होता है। ओपन आटे की शेल्फ लाइफ एक माह तक होती है। व्यापारी पुराना बचा आटा अगले नवरात्र तक रखते हैं। जिसमें फंगल और इंसेक्ट ग्रोथ के कारण खराब हो जाता है। व्यापारी बिना उपयोग अवधि के ही भंडारण और विक्रय कर रहे है। उसकी खराब होने की संभावना है। उपभोक्ता का भी यह दायित्व है कि उसकी उपयोग अवधि को देखकर ही खरीदें। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी इस संबंध में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी व्यापारी के पास कुट्टू का आटा खराब पाया जाता है उसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। बताया कि सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। जिसमें की खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की एक रिस्पांस टीम बनाकर सैंपलिंग और निरीक्षण के सप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी – पकौड़ी खाने से 50 से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। हरिद्वार, रुड़की, और ऋषिकेश में लोग बीमार हो गए थे।