उत्तराखंड/देहरादून :- अक्सर आप जब बाजार में शॉपिंग या किसी जरूरी काम से जाते हैं तो आपने ऐसे कई बच्चों को देखा होगा जो भिक्षावृत्ति में शामिल है। इन्हीं के बीच कई ऐसी महिलाएं भी हैं जो छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर लोगों से भिक्षा मांगते हैं। लगातार इस तरह के मामलों को देखते हुए अब प्रशासन ने कदम उठाया है रविवार को ऐसे ही बच्चे हो और महिलाओं को रेस्क्यू किया गया
जिलाधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देश पर भिक्षावृत्ति में शामिल महिला और बच्चों को रेस्क्यू किया गया। देहरादून शहर में बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृत्ति आए दिन बढ़ती जा रही है जिनमें ज्यादातर महिलाएं और उनके साथ बच्चे जो भिक्षावृत्ति में सुबह से शाम तक शहर के अलग अलग चौराहो पर भिक्षा वृत्ति करते देखे जा सकते हैं।

इस प्रकार की समस्या का संज्ञान लेते हुए जिला बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शहर में भीख मांगने वाली महिलाएं और बच्चों को रेस्क्यू कर सरकार द्वारा मानक के अनुरूप सुविधा मुहैया कराने को कहा। जिससे इन सभी को सरकार की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।
अभियान को लेकर विभिन्न संस्थाओं और विभागों ने आईएसबीटी से लेकर रिस्पना पुल तक भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू किया गया। जिनमे 4 महिलाएँ और 9 बच्चों को रेस्क्यू किया गया जो भीख माँगने का काम कर रहे थे। सभी महिलाओं और बच्चों को रेस्क्यू कर मेडिकल कराकर सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया जिसके पश्चात सभी बच्चो को परिजनों के सुपुर्द किया गया।
इस दौरान समर्पण संस्था से मानसी मिश्रा व गीता ममगाईं, मैक संस्था से जहांगीर आलम,जिला प्रोबेशन कार्यालय से संपूर्णा भट्ट, रश्मि बिष्ट, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से रायना रावत, देवेंदर, चाइल्डलाइन से जसवीर रावत,विजय बिष्ट, आसरा ट्रस्ट से अमर बहादुर, रवीना,बचपन बचाओ आंदोलन से सुरेश उनियाल मौजूद रहे।