अवैध वक्फ संपत्तियों का बढ़ता मामला
उत्तर प्रदेश में अवैध वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली में हजारों सरकारी जमीनों पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोक दिया है।
लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट
जेपीसी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कैसे सरकारी और सार्वजनिक जमीनों को वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज किया गया है। इससे स्थानीय प्रशासन और सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
सरकार की जांच शुरू
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सरकार ने इन संपत्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द इन जमीनों की वास्तविक स्थिति का पता लगाए और अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया शुरू करे।
वक्फ बोर्ड की दलीलें
वक्फ बोर्ड का कहना है कि उसके पास इन संपत्तियों के वैध दस्तावेज मौजूद हैं। बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि सरकार वक्फ संपत्तियों को निशाना बना रही है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि अगर वक्फ बोर्ड के पास कानूनी दस्तावेज हैं, तो वे अदालत में पेश किए जाने चाहिए।
राजनीतिक हलचल तेज
इस रिपोर्ट के बाद यूपी की राजनीति भी गरमा गई है। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह वक्फ संपत्तियों को लेकर भेदभाव कर रही है। दूसरी ओर, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जो भी अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अदालतों में बढ़ रहे मामले
कई मामलों में वक्फ बोर्ड और सरकारी एजेंसियां अदालतों का दरवाजा खटखटा रही हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला जटिल होता जा रहा है और इसमें अदालत की भूमिका अहम होगी।
सरकार की आगामी योजना
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले महीनों में अवैध वक्फ संपत्तियों की पहचान करने और उन्हें पुनः सरकारी नियंत्रण में लेने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।