केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ बैठक
शनिवार को बंगलूरू में कर्नाटक सरकार के मंत्रियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस बैठक में कृषि मंत्री चालुवर्यस्वामी, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे, और राज्य के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। चर्चा का मुख्य विषय राज्य के किसानों के लिए कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना था।
किसानों के समक्ष चुनौतियां
कर्नाटक में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे:
- कम जोत की जमीन:
- छोटे और मध्यम किसान पारंपरिक उपकरणों पर निर्भर हैं।
- महंगी तकनीक:
- आधुनिक उपकरणों की कीमत अधिक होने के कारण किसान उनका उपयोग नहीं कर पाते।
- जलवायु परिवर्तन:
- बदलते मौसम के कारण कृषि उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा है।
सरकार की मांग
कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि:
- किसानों के लिए सब्सिडी पर मशीनें उपलब्ध कराई जाएं।
- मशीनीकरण के लिए विशेष फंड दिया जाए।
- कृषि में नई तकनीकों को लागू करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्नाटक सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कृषि मशीनीकरण किसानों की आय बढ़ाने और खेती को लाभदायक बनाने का प्रमुख साधन है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस दिशा में राज्य को पूरा समर्थन देगी।
- तकनीकी सहयोग:
- केंद्र, राज्य के किसानों को नई तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण देगा।
- फंडिंग का वादा:
- जल्द ही विशेष फंड को मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा।
संभावित प्रभाव
यदि केंद्र सरकार से मांगा गया फंड प्राप्त होता है, तो:
- कृषि क्षेत्र में क्रांति:
- मशीनीकरण से कृषि उत्पादकता में बड़ी वृद्धि होगी।
- किसानों की आय में बढ़ोतरी:
- लागत कम और उत्पादन ज्यादा होने से किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों का विकास:
- मशीनीकरण से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
कर्नाटक सरकार द्वारा किसानों के लिए मशीनीकरण की मांग एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल किसानों की स्थिति में सुधार करेगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। शिवराज सिंह चौहान के आश्वासन के बाद उम्मीद है कि केंद्र और राज्य मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे