स्मार्ट पुलिस को लेकर गृह सचिव, डीजीपी व अधिकारियों के बीच बैठक
उत्तराखण्ड/देहरादून (जनसभा भारत) : उत्तराखंड पुलिस अब स्मार्ट पैटर्न में काम करेगी। स्मार्ट यानि की एस-सेंसेटिव एंड स्ट्रिक्ट, एम-मॉडर्न विद मोबिलिटी, ए– अलर्ट एंड एकाउंटेबल, आर– रीलाईबल एंड रिस्पॉन्सिव, टी– ट्रेंड एंड टेक्नॉलोजी की दिशा में काम शुरु कर दिया गया है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए में पुलिस मुख्यालय स्तर पर नौ समितियों का गठन किया गया है। समितियों ने कानून,शांति व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने, ड्रग्स, साइबर अपराध से निपटने के साथ-साथ पुलिस वेलफेयर और पुलिस आधुनिकरण के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार की है। कार्ययोजना को सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक में गृह सचिव नितेश कुमार झा के समक्ष रखा गया। सड़क हादसे के घायल की मदद करने पर एक लाख तक का इनाम देने और सिटी पुलिस को शॉर्ट रेंज वैपन्स, पीएसी व आर्म्ड पुलिस को इंसास देने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है।
कई मामलों में सैद्धान्तिक मंजूरी
-मॉबिलिटी में गुणात्मक परिवर्तन किया जाएगा। पुलिस का रिसपॉन्स टाईम बेहतर होगा।
– सिटी पेट्रोल, हाइवे पेट्रोल कार की संख्या में 100 स्कोर्पियो वाहनों की वृद्धि होगी।
– पीएसी के जर्जर वाहन हटाकर पहाड़ों के अनुरूप मॉडिफाई कर स्मार्ट लुक दिया जाएगा।
– स्मार्ट युनिफॉर्म की दिशा में पीएसी की कॉम्बेट यूनिफार्म पर भी कार्य होगा।
– ई-बीट बुक सिस्टम लागू किया जाएगा।
– ट्रैफिक आई एप को मजबूत किया जाएगा। जिससे सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना आम आदमी पुलिस को दे सके।
-ट्रैफिक आई-एप की तर्ज पर एक पब्लिक आई एप बनाया जाएगा। जिससे अपराध, ड्रग्स से सम्बन्धित मिल सके।
– टूरिस्ट के नए स्वरूप, इंफ्रास्ट्रक्टर, प्रशिक्षण पर कार्य करके, अधिक स्मार्ट. जन उपयोगी बनाया जाएगा।
– पुलिस कर्मियों के लिए पुरस्कार राशि को 20 हजार से बढ़ाकर 01 लाख किया जाएगा।
– पुलिस मुख्यालय के नए भवन की स्थापना की जाएगी।
– फायर सर्विस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शुरू किया जाएगा।
-थाने, चौकी, आईआरबी तृतीय, नए फायर स्टेशन के निर्माण के लिए भी अधिकतम बजट उपलब्ध कराएंगे।
– कांस्टेबल, उपनिरीक्षक की भर्ती एवं पदोन्नति की रुकावटों का जल्द समाप्त किया जाएगा।
– पहाड़ो पर कांस्टेबल 16 साल की जगह अब 8 साल, हेडकांस्टेबल 12 साल की जगह 6 साल, सब-इंस्पेक्टर रैंक के कर्मचारी 8 साल की जगह 4 साल देंगे सर्विस देने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि राज्य बनने के बाद 20 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है। हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुए हैं। संवेदनशील पुलिसिंग की ओर भी काफी काम हुआ है। अभी भी हमें काफी कुछ हासिल करना बाकी है। उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशनल, प्रशासनिक और पुलिस कर्मियों के कल्याण का स्तर बढ़े इसी के लिए यह बैठक आयोजित हुई थी।