देहरादून : बुधवार को नवनिर्मित परिवार न्यायालय भवन का मुख्य न्यायाधीश ने वर्चुअल उद्घाटन किया है। सचिव, सिविल जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून ने बताया कि नवनिर्मित परिवार न्यायालय में तीन न्यायालय बनाये गये है। भवन में जनता की सुविधा का ख्याल रखते हुए सीढ़ियों के अतिरिक्त लिफ्ट, दिव्यांगों के लिए रैम्प, शौचालय का निर्माण अलग से कराया गया है। जिससे किसी भी प्रकार को असुविधा हो। जनता के लिए उचित बैठने की व्यवस्था, बच्चों के लिए खेलने के साधन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग व विश्राम गृह की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है।
इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड सबसे ज्यादा वाद जनपद देहरादून में लंबित है। वर्तमान में स्थापित परिवार न्यायालय में जगह कम होने की वजह से वादकारियों को काफी असुविधा होती है। मामले ज्यादा समय तक लंबित होने की वजह से पति पत्नी के बीच कई बार विवाद उत्पन्न हो जाता है। जिसका खामियाजा बच्चों को झेलना पड़ता है। इस बात का असर बच्चों के मानसिक विकास पर पड़ता है। देहरादून बार के सदस्यों से भी अनुरोध किया कि वे पुराने वादों का निस्तारण करने अपना पूर्ण सहयोग न्यायालयों में प्रदान करें। प्रशासनिक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने अपने संबोधन में यह कहा कि सही न्याय दिलाने के लिए अच्छी आधारिक संरचना (भवन, पानी बिजली, पक्षकारों के बैठने का उचित स्थान, बच्चों के लिए उचित साधन) होने जरुरी है। उद्घाटन के दौरान उपस्थित अतिथियों को नवनिर्मित न्यायालय भवन का वर्चुअल टूर वीडियो के माध्यम से कराया गया। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह चौहान, प्रशासनिक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, जिला न्यायाधीश प्रदीप पन्त, प्रमुख सचिव उत्तराखण्ड शासन, न्याय सचिव उत्तराखंड शासन, एलआर गवर्नर और न्यायिक अधिकारीगण व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित अधिवक्तागण, एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत अन्य मौजूद रहे।