नगर कोतवाली में किया गया अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
देहरादून, : साइबर ठगों का साहस कितना बुलंद है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर एक व्यक्ति से 10 हजार रुपये मदद के तौर पर मांग लिए गए। जिस व्यक्ति से पैसों की मांग की गई वह जागरूक निकला और ठगी का शिकार होने से बच गया। शिकायत के बाद नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल, बीती 14 जून को तनुज ऑबराय पुत्र सुभाष ऑबराय निवासी मोती के पास फेसबुक मैसेंजर के जरिए एक मैसेज मिला। देखा कि आईपीएस ऑफिसर डीजीपी के नाम बनी आईडी से मैसेज मिला। चैट के दौरान तनुज ओबराय से 10 हजार रुपये की मांग की गई। तनुज डीजीपी अशोक कुमार को जानते है। इसलिए उन्होंने फेसबुक आईडी का यूआरएल चेक किया। तनुज को यकीन हुआ कि डीजीपी अशोक कुमार की फेक प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगे है। जानकारी जुटाई तो फेक आईडी की पुष्टि हुई। गूगल पे या पेटीएम से 10 हजार रुपये की मांग की गयी थी। नगर कोतवाली पुलिस के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर मोबाइल नंबर, अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग कर जनपद प्रभारियों को निर्देश
ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी आम से लेकर खास लोगों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर पैसों की मांग की जा चुकी है। कई लोगो झांसे में आकर रकम गवां चुकें है। वहीं इस बार मामला डीजीपी अशोक कुमार से जुड़ा होने की वजह से हड़कंप है। पुलिस मुख्यालय से जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इस तरह के मामलों के मुकदमे, विवेचना, जांच संबंधित पहलुओं पर चर्चा कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
दून पुलिस की फेक आईडी पर लगाई थी एसएसपी की फोटो
कुछ माह पहले दून पुलिस की फेक फेसबुक आईडी बनाकर एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत की फोटो लगा दी गई थी। इसके अलावा दरोगा, इंस्पेक्टर, एसपी स्तर के अधिकारियों के नाम से ही नहीं बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों के नाम से भी फर्जी आईडी बनाकर मदद के तौर पर पैसों की डिमांड की जा चुकी है।
बयान— 6 टीमों का गठन किया गया है। टीमों को अलग अलग राज्य में भेज कर टास्क दिए गए है। संदिग्ध व्यक्ति बिहार, झारखंड, बंगाल, सहित अन्य राज्यों के हो सकते है। पूरी स्टडी करने के बाद कुछ साक्ष्य हाथ लगे है जल्द गिरफ्तारी कर खुलासा किया जाएगा।
निलेश आनंद भरणे- पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था व प्रवक्ता।
बयान—
तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। एक ही व्यक्ति अलग अगल लोगो को टारगेट कर ठगी करता है। एक की गिरफ्तारी से कई मामले खुलते है और आगे की कड़ियां जुड़ जाती है। सबसे जरुरी है कि लोग खुद जागरूक रहे। सोशल मीडिया के जरिए कोई इमरजेंसी या मजबूरी बताकर पैसे मांगता है तो भावुक ना हो, बल्कि संबंधित व्यक्ति को फोन कर पुष्टि कर लें।
अंकुर चंद्रकांत साइबर/फोरेंसिक एक्सपर्ट व डाटा रिसर्चर-