उत्तराखंड/ऊधमसिंह नगर
ऊधमसिंह नगर सितारगंज में बनाकर बेची जा रही थी दवाइयां
ना कोई लाइसेंस और ना ही कोई रैपर- टैग का हुआ इस्तेमाल
रॉ-मैटेरियल को सील कर सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे
मकान में चल रहा था नकली हर्बल दवाइयां बनाने का खेल
ऊधमसिंह नगर सितारगंज स्थित एक मकान में नकली हर्बल दवाइयां बनाकर बेचने का खुलासा किया गया है। उत्तराखंड एसटीएफ, स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन कर मामले का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। आरोप है कि हर्बल के नाम पर अलग अलग बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां बेची जा रही थी। मौके से हर्बल लिखा चूर्ण, कैप्सूल, ड्रॉप, मुर्गा दाना लिखा कट्टे, कुछ मशीनें बरामद की गई है।
टीम ने रॉ-मैटेरियल को सील कर सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि एसटीएफ को सितारगंज में अवैध दवाई फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी। जिस पर कुमाऊं टीम को सक्रिय किया गया। एसटीएफ टीम ने सितारगंज के थारु गौरीखेड़ा क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को साथ छापा मारा। जहां से हर्बल दवाओं के नाम पर भारी मात्रा में चूर्ण, कैप्सूल, पाउडर मिला। दवाओं में किसी ब्रांड के रैपर, टैग नहीं लगे थे।
ताकत बढ़ाने के नाम पर बेचा जा रहा था मुर्गी दाना-
इन दवाओं की ताकत बढ़ाने और बीमारियों के इलाज के लिए ऑनलाइन बिक्री की जा रही थी। मौके से मुर्गा लिखे हुए चूर्ण के कट्टे मिले हैं। इसी चूर्ण को प्लास्टिक के कैप्सूलों में भरा गया है। इन दवाओं के सैंपल लिए है। हर्बल दवा के नाम पर ऑनलाइन दवा बेचने वाले दो लोगों ने इस मकान को किराये पर लिया हुआ था। चार माह से बिना लाइसेंस दोनों इस मकान में दवाओं को बनाकर ऑनलाइन व्यापार कर रहे थे। इनके द्वारा विभिन्न बीमारियों के इलाज में पार्सल से दवा भेजकर मोटी रकम वसूली जा रही थी।


500 डिब्बे पैक्ड दवाइयां, 500 कैप्सूल, 3 कट्टे में रॉ-मैटेरियल, 2 मशीनें बरामद की गई।
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि मौके हुई बरामदगी में मिले एक डिब्बे पर दवाई की कीमत 1575 रुपये लिखी है। इस तरह से इलाज के नाम पर मोटी वसूली की जाती है। सभी प्रकार की बीमारियों में एक ही प्रकार की दवा भेजी जाती है। इन दवाओं के संबंध में फोरेंसिक जांच से ही वास्तविकता सामने आ पाएगी। फिलहाल बरामद दवाइयों और मकान को सील बन कर दिया गया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
सोशल मीडिया को बनाया था जरिया
हर्बल के नाम पर नकली दवाइयां बनाकर बेचने वाले अपने काले कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया को ही माध्यम बनाते हुए। इसके प्रचार प्रसार के लिए फेसबुक पेज, यू-ट्यूब चैनल सहित अन्य माध्यमों को अपनाया हुआ था। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जिस जगह पर बैठ कर वीडियो शूट किया गया। वहां चारों तरफ हर्बल और आयुर्वेदिक दवाइयां रखी हुई है। ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह तरह के दावे किए जा रहे है।
समस्याओं का गारंटी से इलाज का दावा-
वीडियो में दावा किया जा रहा है कि धातु रोग, नामर्दी, टाइमिंग, शीघ्रपतन, शुक्राणु सहित अन्य समस्याओं का गारंटीड इलाज किया जाता है। इसकी एवज में लोगों से मोटी रकम वसूली जा रही थी। तमाम सोशल मीडिया पर इससे संबंधित वीडियो जारी करके मोबाइल नंबर जारी किए गए है। जिसके माध्यम से लोग उनसे संपर्क कर बैठते है।