ड्रोन ट्रेनिंग के लिए हर जिले में खुलेंगे स्कूल, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
छात्र व युवा बेहद सस्ते में लें सकेंगे ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण
आईटीडीए ने शुरू की युवाओं को ड्रोन उड़ाने के प्रशिक्षण की मुहिम
उत्तराखंड/देहरादून : राज्य के हर एक जिले में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग के लिए स्कूल स्थापित करने का काम शुरू कर दिया गया है। महत्वपूर्ण बात ये है कि युवा और छात्रों को ध्यान में रखकर इस ओर प्रयास किए जा रहे है। बेहद सस्ते में ड्रोन की ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रयास है कि इस साल के अंत तक हर जिले में ड्रोन ट्रेनिंग के लिए स्कूल स्थापित कर दिए जाए। देहरादून जिले के लिए ऋषिकेश में चिन्हित किया जा चुका है। ड्रोन की महत्ता और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए फैसला लिया गया है।

ड्रोन की उपयोगिताएं व रोजगार
कृषि कार्यों के लिए ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है। देश की सीमाओं की सुरक्षा व निगरानी के लिए महत्वपूर्ण, मौसम की निगरानी व भविष्यवाणी के लिए अहम, यातायात की निगरानी, राहत व बचाव कार्य, फोटोग्राफी में उपयोगी है। सर्वे, अतिक्रमण, वनों और वन्य जीवों की निगरानी में उपयोगी, ऊंचे टावरों और गहरी सुरंगों के भीतर उपयोग, फोटोग्राफी व फिल्मों की शूटिंग, खेलों की रिपोर्टिंग में भूमिका, जंगल की आग बुझाने में भी उपयोगी, सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके अलाव छतों की तलाशी और बड़े जुलूसों पर निगाह रखने के साथ दंगों या अशांति के दौरान निगरानी रखने के लिये ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोजगार के लिहाज से ड्रोन पायलट, इंजीनियर, ड्रोन के डिजाइन और निर्माण का काम करने वाले, ऑपरेटर, तकनीशियनों और फोटोग्राफर की मांग तेजी से बढ़ रही है। ड्रोन के इस्तेमाल से रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे है।
राज्य स्थापना दिवस के मौके पर ड्रोन का डेमो
इस साल नौ नवम्बर राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित होने वाली परेड में ड्रोन का भी डेमो दिखाया जाएगा। जिसमें ड्रोन की उपयोगिता और कार्यों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
एडीजी अमित सिन्हा (दूरसंचार/सीसीटीएनएस) का कहना है कि प्रयास है इस साल के अंत तक हर जिले में एक-एक ड्रोन स्कूल खोला जाए। पुलिस की बेसिक ट्रेनिंग टास्क में पहले ही ड्रोन ट्रेनिंग को शामिल किया जा चुका है। ड्रोन की बेसिक जानकारी बच्चों को दी जाएगी। आईआईटी और पॉलिटेक्निक के छात्र जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है उनको विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रयास है कि हर ग्राम पंचायत तक ड्रोन का फैलाव किया जा सके। एक हफ्ते से लेकर एक माह तक का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है।